जागरण संवाददाता, काजा : जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के काजा में पहली बार सिजेरियन से शिशु का जन्म हुआ है। इसमें टेलीमेडिसिन के माध्यम से विशेषज्ञों ने मदद की। जिले में सामान्य प्रसव करवाए जाते हैं।
प्रसव के दौरान जटिलताएं होने के कारण टेलीमेडिसिन के माध्यम से पहली बार लोसर गांव की 27 वर्षीय तेंजिन लामो का सिजेरियन प्रसव करवाया गया। अपोलो अस्पताल दिल्ली व मिशन अस्पताल मनाली के विशेषज्ञों ने इसमें मदद की। बर्फबारी से छह माह तक ढके रहने वाले जनजातीय क्षेत्र स्पीति के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने टेलीमेडिसिन सेंटर वरदान साबित हो रहा है। 11 अगस्त को लोसर गांव की 27 वर्षीय तेंजिन लामो प्रसव पीड़ा हुई। स्वजन उसे काजा अस्पताल लाए, लेकिन रास्ते में रक्तस्राव ज्यादा होने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काजा में भर्ती कराया गया। यहां मिशन अस्पताल मनाली की ओर से कैंप भी चल रहा था। स्थानीय चिकित्सकों, मिशन अस्पताल और अपोलो टेलीमेडिसिन सेंटर के संयुक्त प्रयास से गर्भवती को सही उपचार मिल पाया।
चिकित्सकों की मानें तो गर्भवती को रेफर करना खतरनाक साबित हो सकता था। इससे मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा था। नवजात को छह दिन तक काजा में अपोलो टेलीमेडिसिन सेंटर में निगरानी में रखा गया। अपोलो अस्पताल की डा. अल्फा खाखर ने बताया कि टेलीमेडिसिन पर पूरी तरह से जांच करने के बाद सिजेरियन की सलाह दी। जन्म के समय बच्चे का रंग नीला पड़ गया था। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. लता विश्वनाथन की सहायता ली गई। टेलीमेडिसिन सेंटर काजा में तैनात स्टाफ नर्स तेंजिन डोल्कर ने बताया कि जच्चा-बच्चा छह दिन तक उनकी निगरानी में रहे। अब दोनों स्वस्थ हैं।
बीएमओ काजा डा. तेंजिन नोरबू ने बताया कि 11 अगस्त को गर्भवती को लेकर स्वजन अस्पताल आए थे। रक्तस्राव काफी हो रहा था। मिशन अस्पताल के सहयोग से सिजेरियन करना पड़ा। अपोलो टेलीमेडिसिन सेंटर की निगरानी में रहे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
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